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Tuesday, January 13, 2009

माँ दा लाडला बिगड़ गया



जिंदगी का राज़ तन्हाई में पा लिया, जिसका भी गम मिला अपना बना लिया!
गम हमारा सुनने को जब मिला न कोई, रखा आइना सामने और ख़ुद को रुला लिया!

हर सुबह आपकी मुशकुराती रहे, हर शाम आपकी गुनगुनाती रहे!
आप जिसे भी मिलो इस तरह से मिलो की हर मिलने वालों को आपकी याद आती रहे!

एक जैसे रिश्ते सारे नहीं होता, कुछ हमारे होकर भी हमारे नही होते !
आपसे रिश्ता रखने के बाद मह्सुश हुआ, कौन कहते है जमीन पर तारे नहीं होते !

फुर्सत मिले तो याद करना, कभी हमारी कमी का एहसास करना !
हमें तो आदत है आपको याद करने की, अगर आपको हिचिकिया आए तो हमें माफ़ करना !

रोएगी आँखे मुस्कुराने  के बाद, आएगी रात दिन ढल जाने के बाद 
ओ जाने वाले मुड़कर देख, शायद मेरी जान निकल जाए तेरे जाने के बाद !

कितना भी चाहो न भूल पाओगे हमें, कितना भी दूर जाओ नजदीक पाओगे हमें!
मिटा सकते हो तो यादें मेरी, क्या सपनो से अलग कर पाओगे हमें!

आँखों में खुशी लबों पर हंशी, गम का कहीं नाम न हो!
जहाँ की साड़ी खुशियाँ मिले आपको,  इन खुशियों की न कभी शाम हो! 

तनहा ख़ुद को कभी होने न देना, आंखों को कभी रोने न देना!
बहुत खाश  है आप हमारे लिए, इस एह्शास को ख़ुद से जुदा होने न देना!

मुहोब्बत करने वालो को इंकार अच्छा नही लगता, दुनिया वालो को इकरार अच्छा नही लगता!
जब तक लड़का- लड़की भाग न जाए, इन सालो को प्यार सच्चा नही लगता!

काश प्यार का इन्सुरेंस हो जाता, प्यार करने से पहले प्रीमियम भरवाया जाता!
प्यार में वफ़ा मिली तो ठीक, वरना बेवाफाओ पर जो खर्चा होता उसका तो क्लेम मिलता!

कभी अजनबी से मिले थे,  फ़िर यूँ ही मिलते चले गये!
हम तो आपको दोस्त बनाने वाले थे,  पर आप तो धड़कन ही बन गये!

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